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Sunday 22 October 2017

परिवर्तन देखिये | See change

परिवर्तन देखिये | See change

SEE CHANGE

 

1- पहले लोग घर के दरवाजे पर एक आदमी तैनात करते थे ताकि कोई कुत्ता घर में न घुस जाये। आजकल घर के दरवाजे पर कुत्ता तैनात करते हैं ताकि कोई आदमी घर में न घुस जाए।
2- पहले आदमी खाना घर में खाता था और लैट्रीन घर के बाहर करने जाता था। अब खाना बाहर खाता है और लैट्रीन घर में करता है।
3- पहले शादियों में घर की औरतें खाना बनाती थीं और नाचने वाली बाहर से आती थीं। अब खाना बनाने वाले बाहर से आते हैं और घर की औरतें नाचती हैं।
4- पहले आदमी साइकिल चलाता था और गरीब समझा जाता था। अब आदमी कार से ज़िम जाता है साइकिल चलाने के लिए।
       
चारों महत्वपुर्ण बदलाव हैं !
वाह रे मानव तेरा स्वभाव....
।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..
          बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
            और दुनिया  आगे चलती है,
         मय्यत मे जनाजा आगे
           और दुनिया पीछे चलती है..
           यानि दुनिया खुशी मे आगे
          और दुख मे पीछे हो जाती है..!
अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
Wah re duniya !!!!!
✴ लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है ~
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने ...
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे ..
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✴  पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है
और.....
बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है
इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं.
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✴  एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते,
और
जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते....
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✴  नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है...
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✴  अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है......
इसीलिये दारू बेचने वाला कहीं नही जाता ,
पर दूध बेचने वाले को घर-घर
गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है ।
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✴  दूध वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ?
पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला कर पीते है ।
Very nice line
इंसान की समझ सिर्फ इतनी हैं
कि उसे "जानवर" कहो तो
नाराज हो जाता हैं और
"शेर" कहो तो खुश हो जाता हैं!
जबकि शेर भी जानवर का ही नाम है 
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