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Tuesday 7 November 2017

सरदार वल्लभ भाई पटेल का संक्षिप्त जीवन परिचय | introduction of Sardar Vallabh bhai Patel

सरदार वल्लभ भाई पटेल का संक्षिप्त जीवन परिचय

introduction of Sardar Vallabh bhai Patel

 

सरदार वल्लभ भाई पटेल का संक्षिप्त जीवन परिचय

*जन्म*-31 अक्टूबर 1875
*जन्म स्थान*- गुजरात के नाडियाड में
*उपनाम*-लोह पुरुष , सरदार ,बिस्मार्क, शेर ए हिंदुस्तान
*सरदार जी की जाति*- पाटीदार-गुर्जर( कुछ जगह कुर्मी)
*पिता का नाम*-झावेर भाई पटेल
*माता का नाम*-लाडवा पटेल
*पत्नी का नाम*- झावेरबा (1893 विवाह )
*प्रारंभिक शिक्षा*-कारमसद 
*मैट्रिक की परीक्षा पास की*-1897
*जिला अधिवक्ता की परीक्षा उत्तीर्ण*-1900 में
*व्यवसाय*-वकालत, राजनीति
*1920 वकालत की प्रैक्टिस शुरू की*-गोधरा में
*वकालत के दौरान नाम कमाया*-क्रिमिनल लॉयर
*सरदार पटेल इंग्लैंड गए*- जुलाई 1910 में
*इंग्लैंड में लॉ की पढ़ाई की*- मिडल टेंपल में
*मिडल टेंपल के बेरिस्टर बने*-जनवरी 1993
*स्वदेश वापसी*-13 फरवरी 1913
*गुजरात सभा के मेंबर*- 1915 में
*1917 में चुने गए*- अहमदाबाद मुनिसिपलिटी के काउंसलर
*प्रथम बार गांधी जी से सीधा संपर्क हुआ*-नवंबर 1917 में
*अहमदाबाद में अकाल राहत का प्रबंधन किया*-1918 में
*नो टैक्स आंदोलन का सफल नेतृत्व*-खेड़ा जिले में वसूले जा रहे हैं लेड रेवन्यू के विरुद्ध 1918 में
*स्वदेशी वस्तुएं अपनाई*- 1920 के असहयोग आंदोलन में 
*1921 में अध्यक्ष बने*- 36वें अहमदाबाद अधिवेशन की स्वागत कमेटी के अध्यक्ष बने
*बोरसद में सत्याग्रह किया*- 1922-23 में
*गांधी जी द्वारा वल्लभभाई को कहा गया*-किंग ऑफ बोरसद
*1923 में अध्यक्ष बने*- अहमदाबाद नगर पालिका के निर्वाचित अध्यक्ष बने
*मोरबी काठियावाड़ सम्मेलन की अध्यक्षता की*- 1928 में (अहमदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर)
*नो-टेक्स सत्याग्रह अभियान का सफल नेतृत्व*- 1928 में खेड़ा जिले के किसानों के बारडोली में
*सरदार की उपाधि प्रदान की*-खेड़ा जिले की बारडोली की महिलाओं  के द्वारा
*1928 में राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में उपाधि को मान्यता दी*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में सरदार उपाधि को सार्वजनिक मानयता दी गई
*महाराष्ट्र राजनीतिक सम्मेलन की अध्यक्षता*-1929 में
*7 मार्च 1930 को साबरमती जेल भेजा गया*- गांधी जी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण
*साबरमती जेल से रिहा किया गया*-26 जून 1930 को
*1931 में अध्यक्षता की*- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की
*जनवरी 1932 से जुलाई 1934 तक कैद रखा गया*- सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर गांधी जी के साथ यरवदा जेल में
*1934 में रिहा किया गया*- नाक की गंभीर बीमारी के कारण
*1935 से 1942 तक चेयरमैन*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संसदीय बोर्ड के
*गृह सूचना और प्रसारण मंत्री बने*-2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार में
*विट्ठल भाई महाविद्यालय का उद्घाटन किया*- 4 अप्रैल 1947
*भारत सरकार द्वारा रियासतों के विलय हेतु नया विभाग बनाया गया*-25 जून 1947 को रियासतों के लिए सरदार पटेल की अधीनता में एक नया विभाग का निर्माण
*स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री*- सरदार वल्लभ भाई पटेल 15 अगस्त 1947 को गृह स्टेटस सूचना और प्रसारण मंत्री बने
*भारत के उप-प्रधानमंत्री*- 15 अगस्त 1947 से 15 दिसंबर 1950
*सोमनाथ पतन का दौरा किया*- 13 नवंबर 1947 को
*सरदार पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की गई*- नागपुर, बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 3,25 और 27 नवंबर 1948 को
*भावनगर राज्य संघ की स्थापना*-15 फरवरी 1948
*राजस्थान राज्य संघ की स्थापना*7 अप्रैल 1948 को
*मध्य भारत संघ की स्थापना का एग्रीमेंट*-22 अप्रैल 1948 को
*उस्मानिया विश्वविद्यालय द्वारा उपाधि दी गई*- 26 फरवरी 1949 को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री
*नेहरु जी की विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली*-7 अक्टूबर से 15 नवंबर 1949 तक
*भारत रत्न से सम्मानित किया गया*-1991 में उनकी मृत्यु के 41 वर्ष बाद
*भारत के भू राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के कारण जाना जाता है*-बिस्मार्क और लोह पुरुष
*सरदार पटेल की मृत्यु*-15 दिसंबर 1950 को
*सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का शिलान्यास*-31 अक्टूबर 2013 को गुजरात के नर्मदा जिले में ,137 वी जयंती के मौके पर
*सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का नाम रखा गया*- एकता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी )
*स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई*-स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (93 मीटर )से डबल
*विशेष योगदान*- देशी रियासतों का विलय ,स्वतंत्र भारत की पहली उपलब्धि थी और निर्विवाद रुप से सरदार पटेल का इसमें महत्वपूर्ण योगदान था
*नीतिगत दृढ़ता के लिए गांधीजी ने इन्हें कहा*लौह पुरुष और सरदार
*सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को मनाया जाता है*- राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में वर्ष 2014 से 

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