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Saturday 7 July 2018

यदि ऐसा नहीं होता तो कर्ण के एक ही बाण से अर्जुन का रथ हवा में उड़ जाता


*महाभारत के युद्ध में अर्जुन और कर्ण के बीच घमासान चल रहा था । अर्जुन का तीर लगने पे कर्ण का रथ 25-30 हाथ पीछे खिसक जाता , और कर्ण के तीर से अर्जुन का रथ सिर्फ 2-3 हाथ ।*
लेकिन श्री कृष्ण थे की कर्ण के वार की तारीफ़ किये जाते, अर्जुन की तारीफ़ में कुछ ना कहते ।
*अर्जुन बड़ा व्यथित हुआ, पूछा , हे पार्थ आप मेरी शक्तिशाली प्रहारों की बजाय उसके कमजोर प्रहारों की तारीफ़ कर रहे हैं, ऐसा क्या कौशल है उसमे ।*
*श्री कृष्ण मुस्कुराये और बोले, तुम्हारे रथ की रक्षा के लिए ध्वज पे हनुमान जी, पहियों पे शेषनाग और सारथि रूप में खुद नारायण हैं । उसके बावजूद उसके प्रहार से अगर ये रथ एक हाथ भी खिसकता है तो उसके पराक्रम की तारीफ़ तो बनती है ।*
  कहते हैं *युद्ध समाप्त होने के बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन को पहले उतरने को कहा और बाद में स्वयं उतरे। जैसे ही श्री कृष्ण रथ से उतरे , रथ स्वतः ही भस्म हो गया । वो तो कर्ण के प्रहार से कबका भस्म हो चूका था, पर नारायण बिराजे थे इसलिए चलता रहा । ये देख अर्जुन का सारा घमंड चूर चूर हो गया ।*
     *कभी जीवन में सफलता मिले तो घमंड मत करना, कर्म तुम्हारे हैं पर आशीष ऊपर वाले का है । और किसी को परिस्थितिवष कमजोर मत आंकना, हो सकता है उसके बुरे समय में भी वो जो कर रहा हो वो आपकी क्षमता के भी बाहर हो ।*
*लोगों का आंकलन नहीं, मदद करो*
यह प्रसंग दिल को छू गया सोचा आप लोगों से सांझा कर लू

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