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Saturday 7 July 2018

* ग्रन्थकार की मुखारविंदसे *

*वो कुँए का मैला कुचैला पानी*
*पिके भी 100 वर्ष जी लेते थे*
*हम RO का शुद्ध पानी पीकर*
*40 वर्ष में बुढे़ हो रहे है।*
*वो घाणी का मैला सा तेल खाके बुढ़ापे में भी दौड़~मेहनत कर लेते थे।*

*हम डबल~ट्रिपल फ़िल्टर तेल*
*खाकर जवानी में भी हाँफ जाते है।*

*वो डले वाला नमक खाके*
*बीमार ना पड़ते थे।*
*हम आयोडीन युक्त खाके*
*हाई~लो बीपी लिये पड़े है।*
*वो नीम-बबूल,कोयला नमक*
*से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष*
*तक भी चबा चबा कर खाते* थे।*
*और हम कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है ।।*
*वो नाड़ी पकड़ कर*
*रोग बता देते थे और*
*आज जाँच कराने पर भी*
*रोग नहीं जान पाते है।*
*वो 7~8 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भी* *घर~खेत का काम करती थी।*
*आज 1महीने से डॉक्टर की देख~रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है।।*
*पहले काले गुड़ की मिठाइयां*
*ठोक ठोक के खा जाते थे।*
*आजकल तो खाने से पहले ही*
*शुगर की बीमारी हो जाती है।*
*पहले बुजर्गो के भी*
*घुटने कन्धे नहीं दुखते थे।*
*जवान भी घुटनो और कन्धों*
*के दर्द से कहराता है ।*
*और भी बहुत सी समस्याये है फिर भी लोग इसे विज्ञान का युग कहते है, ☝☝☝समझ नहीं आता ये विज्ञान का युग है या अज्ञान का ?????*

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